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रूस के 'उकसावे' के सामने चुपचाप नहीं बैठ सकते देश : इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष में जो कुछ दांव पर लगा है उसकी प्रासंगिकता पर भौगोलिक दूरी की ‘‘छाया'' नहीं पड़नी चाहिए और रूस के ‘‘उकसावे'' के सामने देश चुपचाप नहीं बैठ सकते जिससे पूरी धरती पर स्थिरता को नुकसान पहुंचने का खतरा है. यहां रायसीना संवाद में उद्घाटन भाषण में मेलोनी ने जी20 की अध्यक्षता संभालने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी मेहनत की सराहना की और इटली की ओर से पूर्ण समर्थन दोहराया.

उन्होंने कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में क्षेत्रीय मामले तेजी से वैश्विक मामलों में बदल जाते हैं और दुर्भाग्य से 'यूरोप की समस्या' 'दुनिया की समस्या' बन गई है.

इतालवी प्रधानमंत्री ने कहा कि इटली और भारत का यह अगाध विश्वास है कि केवल कानून का शासन ही मानवता को संतुलन और सद्भाव में समृद्ध एवं विकसित होने की अनुमति दे सकता है. उनके संबोधन के दौरान दर्शकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे.

मेलोनी ने कहा, 'हम अभूतपूर्व उथल-पुथल की दौर में हैं. हम तूफान में हैं और हमें अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए डटकर खड़े होने की जरूरत है. हमें एक पहाड़ी पर खड़े होने और गहरी सांस लेने तथा अपनी जमीन और समुद्र को अधिक विवेकपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है.'

उन्होंने सत्र के विषय ‘तूफान में प्रकाशस्तंभ?' के एक स्पष्ट संदर्भ में कहा, ‘‘हमें एक प्रकाश-स्तंभ की आवश्यकता है.'' इटली की प्रधानमंत्री ने कहा, 'यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध ने वैश्विक ऊर्जा कीमतों को प्रभावित किया, खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया और दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ाई जो अत्यंत कमजोर, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के लिए हानिकारक साबित हुई.''

मेलोनी ने कहा कि जी20 में भारत का नेतृत्व और रायसीना संवाद मिलकर दुनिया को सहयोग और शांति का संदेश दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका वाला देश है और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में इटली एक प्रमुख हितधारक है.

मेलोनी ने कहा कि आतंकवाद एक चिंता का विषय है जिसका मुकाबला अंतरराष्ट्रीय देशों के व्यापक गठबंधन को करना चाहिए.

इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी ने मेलोनी के साथ बातचीत की और कहा कि भारत और इटली ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने का फैसला किया है तथा रक्षा सहयोग पर एक नया अध्याय खोला है.

धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इतालवी प्रधानमंत्री का संबोधन सम्मेलन की थीम ‘उकसावा, अनिश्चितता, अशांति: तूफान में प्रकाशस्तंभ?' के अनुरूप था.

जयशंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हममें से बहुत से लोग, निश्चित रूप से भारत में, प्रकाशस्तंभ को काफी उज्ज्वल रूप से चमकते हुए देख सकते हैं. यह हममें से प्रत्येक पर निर्भर है कि हम अपना ध्यान तूफान पर केंद्रित करें या प्रकाशस्तंभ पर. हम मानते हैं कि दुनिया में सभी चुनौतियों से निपटने के लिए नेतृत्व, दृष्टि और समाधान है.”



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