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सिख कैदियों की रिहाई को लेकर प्रदर्शन; चंडीगढ़ में पुलिस से झड़प, करीब 30 पुलिसकर्मी घायल

देश के विभिन्न जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के चंडीगढ़ स्थित आवास की ओर बढ़ने से रोकने के लिए पानी की बौछार (वाटर कैनन) किए जाने के बाद बुधवार को उनकी (प्रदर्शनकारियों की) पुलिस से झड़प हो गई, जिसमें करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास बाड़ लगा दिए थे. जब प्रदर्शनकारियों ने बाड़ तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, तो चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार शुरू कर दी.

प्रदर्शनकारियों ने पानी की बौछार करने वाली एक गाड़ी, एक “वज्र” (दंगा नियंत्रण वाहन), पुलिस के दो वाहनों, एक दमकल गाड़ी और कुछ अन्य वाहनों को तलवारों और लाठियों से क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी बहस और हाथापाई हुई. पथराव भी हुआ. उन्होंने बताया कि झड़प में त्वरित कार्रवाई बल समेत करीब 25-30 कर्मियों को चोटें आई हैं.

चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीर रंजन ने कहा कि घटना में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे. मांगों में सिख कैदियों की रिहाई भी शामिल है. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सजा पूरी होने के बावजूद वे विभिन्न जेलों में बंद हैं.

पंजाब के विभिन्न हिस्सों से लोग सात जनवरी से चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास वाईपीएस चौक पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.डीजीपी रंजन ने कहा कि चंडीगढ़ में सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शहर में कोई विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी.

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